
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है -मुनव्वर राना
माँ के लिए सारे बेटे सामान
सच ही है माँ के लिए सारे बेटे सामान होते है। कभी वो अपने बेटों को छोटा बड़ा नहीं समझती, क्यूंकि उसके लिए सारे बेटे एक दर्द से होकर गुजरे हैं। ऐसा दर्द जो हर माँ सहन करना चाहती है। वैसे भी मां-बेटे हो या माँ-बेटी दोनों रिश्ते दुनिया में सबसे अनूठा और प्यारे रिश्ते है।
मां अपने प्यार, त्याग और समर्पण से ना सिर्फ संतान की परवरिश करती है। मां अपनी संतान को जितने लाड़-प्यार से रखती है, उतना ही उसे मजबूत बनाने की तरफ भी ध्यान रखती है।
वहीँ दूसरी ओर संतान का भी फ़र्ज़ है की वो अपने माँ का ख्याल रखे उसकी देखभाल करें, क्यूंकि उम्र के साथ इंसान का शरीर जवाब देने लगता है। मां भी अंदर से स्वस्थ ना महसूस करने लगती है, क्यूंकि सेहत अच्छी नहीं होने पर महिलाएं छोटी-छोटी चीजों को लेकर भी दुखी हो जाती हैं। ऐसे में अपनी मां को खुश रखने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि उसकी संतान नियमित रूप से उसका ख्याल रखे। मां की हर जरूरत के बारे में जाने। ऐसा करें पर मां बहुत ऊर्जावान महसूस करती हैं कि आप उनके लिए फिक्रमंद हैं।
मां का रखें पूरा ख्याल
मां (mother’s day) की छोटी-छोटी जरूरतों का खयाल रखने से आप मां को अपना प्यार जता सकती हैं। जब भी आपके पास समय हो, मां के साथ वक्त गुजारें। उनके लिए अपने हाथों से खाना बनाएं। हेल्दी डाइट और स्नैक्स की व्यवस्था भी घर पर बनाए रखें। इन चीजों से आपकी मां आपसे बहुत खुश रहेंगी और भीतर से काफी स्ट्रॉन्ग महसूस करेंगी। इसके लिए एक शेरा आता है मुझे कि –
मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ
माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ -मुनव्वर राना
हमारे बॉलीवुड (Bollywood Maa) में माँ का बड़ा अहम् किरदार बताया जाता है, बेटा कैसे भी चाहे वो बड़ा अपराधी हो या पुलिस का बड़ा अधिकारी चाहे दिमाग से कमज़ोर या कोई वैज्ञानिक, माँ के लिए दोनों बेटे बराबर होते हैं, माँ तो माँ होती है, उसकी तुलना कि अन्य से करना बेकार है..