
Indian women struggle in lock down
वर्तमान में Indian women life बहुत ही अजीब तरह से बीत रहा है, कहीं कोई न मंज़िल न किसी रास्ते का पता है कि हमें जाना कहाँ है या हम कहाँ जा रहे हैं. कोरोना महामारी आज रुकने का नाम नहीं ले रही है ऐसे में हम महिलाओं की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। इस महामारी ने हमें न केवल हमारे घरों में, बल्कि हमारी जाति, वर्ग और लिंग को अव्यवस्थित कर दिया है.
दुनिया भर की सरकारों ने lock down में लोगों को घर पर रहने के लिए प्रेरित किया है ऐसे में घरों में वे बच्चे शामिल हैं जो पूरे दिन घर में रहने के लिए मजबूर हैं, वृद्ध लोग जो विशेष रूप से वायरस की चपेट में हैं, और ऐसे बच्चे जिन्हें अब कोई भी पड़ोसी अपने घर नहीं बुलाना चाहते हैं। ऐसे में महिलाओं की जिम्मेदारी अपनी बच्चों के साथ – साथ अपनी पति और सास-ससुर के लिए बढ़ जाती हैं.
लॉक डाउन में काफी केसेस समझौते के लिए परामर्श केंद्र में भेजे गए जिसमे कई अजीब अजीब केसेस भी शामिल थे. इनमे वो महिलएं शामिल थी जो पहले ऑफिस के काम से बाहर रहती थी और अब लॉक डाउन के चलते उन्हें घर पर ही रहकर काम करना पड़ रहा है. ऐसे में घर वाले या सास-ससुर सोचते हैं की वो एक सुपर वीमेन का रोल अदा करे. काम के साथ साथ घर की पूरी जिम्मेदारी निभाए. यदि वो ऐसे नहीं करती तो घर पर टेंशन का माहौल पनपता है.
ऐसे महिलाएं जिन पर पूरा परिवार निर्भर था वे महिलाएं दुविधा में पड़ गई हैं. न ही इन्हे समाज से कोई मदद मिल रही है न ही सरकार से. लॉक डाउन के इस माहौल ने महिलाओं की चिंताओं को दिन-प्रतिदिन बढ़ाया ही है और ये चिंता केवल आर्थिक ही नहीं बल्कि मानसिक दृष्टि से भी काफी चिंताजनक है.
अनाथ महिलाओं को लॉक डाउन पड़ा भारी –
कई महिलाएं जो आज एक एकल जीवन जी रही है. उन्हें कभी मायूस या चिंताजनक depressed नहीं देखा लेकिन लॉकडाउन के कारण वे अनाथ महिलाएं आज मायूसी के साथ-साथ depression का शिकार भी रही हैं. इन Indian women पर न तो समाज ध्यान दे रहा है न ही सरकार. ये महिलाएं जिन्होंने अकेले रहते हुए दूसरों को जीवन जीने की प्रेरणा दी आज वो ही खुद बेसहारा और अकेला महसूस कर रही है.
आज देश बड़ी बेकार स्थिति से गुजर रहे ऐसे में हमारी Indian mothers, हमारी बेटियों को ख्याल रखना उतना ही जरुरी है जितना अपने परिवार का. क्यूंकि महिलाएं केवल एक परिवार के लिए जरुरी नहीं होती बल्कि एक देश की नीवं होती है क्यूंकि ये उन लाड़लो को जनम देती है जो देश का नाम रोशन करते आ रहे है और करेंगे.