
Krishna Janmashtami Special : इस साल 2019 में जन्माष्टमी मानाने का विशेष अवसर है क्यूंकि ऐसा मुहूर्त 125 वर्ष बाद बन रहा है. क्यूंकि इस वर्ष जन्मष्टमी पर तिथि, वार, नक्षत्र और चंद्रमा की स्थिति ऐसी ही रहेगी जो कृष्ण जन्म के समय थी.
कब है Krishna Janmashtami
मगर हर बार की तरह इस बार भी कृष्ण जन्माष्टमी की तारीखों में असमंजस की स्थिति आ रही है. हिन्दू केलिन्डर की हिसाब से अगस्त २३ और २४ दोनों दिन पड़ रही है. पौराणिक तिथियों की बात करें तो कृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी में हुआ था जो की २३ को पड़ रही है. वैसे कुछ जगह पर जन्माष्टमी २४ को भी मनाई जा सकती है.
क्यों मनाने जाती है जन्माष्टमी –
जन्माष्टमी मनाने का विशेष कारण तो आप सब जानते ही हैं. जी हाँ मैं बात कर रही हूँ कृष्ण जन्म की. भगवन कृष्ण के जनम होने के कारण जन्माष्टमी मनाई जाती है. श्री कृष्ण जन्माष्टमी की रात्रि को मोहरात्रि कहा जाता है.
इस रात्रि में भगवन कृष्ण की विशेष ध्यान और पूजा अर्चना की जाती है. जन्माष्टमी का व्रत सभी व्रतों का राजा मतलब व्रतराज कहलाता है. जन्माष्टमी के दिन व्रत करने से महानपूण्य राशि प्राप्त कर सकते हैं.
जन्माष्टमी पर संतान प्राप्ति के उपाय
जन्माष्टमी विशेष कर संतान प्राप्ति और संतान की सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है. इस दिन पति-पत्नी भगवान् कृष्ण के साथ-साथ संतान गोपाल मंत्र का विशेष पूजा करें.
देश भर जन्माष्टमी बड़ी धूम-धाम से मनाई जाती है. कृष्ण के मंदिरों को भवता का रूप दिया जाता है. वैसे तो देश -विदेश में कृष्ण जन्माष्टमी बड़ी जोरों से मनाई जाती है. मगर मथुरा में जन्माष्टमी का विशेष रूप देखा जा सकता है. एक तरफ मथुरा का विशेष आयोजन होता है तो दूसरी और ब्रज में बड़ा ही आचार्य जनक आयोजन किया जाता है. दोनों जगह कृष्ण की एक अलग ही मूर्ति नज़र आती है.
गृहस्थ परिवार के लिए कृष्ण –
एक गृहस्थ परिवार के लिए कृष्ण आनंद हैं, ख़ुशी है. कृष्ण का रूप आपने देख ही होगा. कृष्ण नृत्य करते हैं, अपनी बाँहों को फैलाकर उछलते हैं, नाचते हैं. कृष्ण आनंद के महासागर हैं. इसलिए एक गृहस्थ परिवार के लिए विशेष महत्त्व रखते हैं कृष्ण.
क्या करें जन्माष्टमी पर –
- कृष्ण के लिए फूलों का विशेष महत्त्व होता है. इसलिए अपने घर पर कृष्ण का वैजयंती के फूलों से सजाया जाये.
- फूलों में काले रंगों का उपयोग न करे.
- पीले रंग के वस्त्र का प्रयोग करे.
- पांच फल, मेवा, पंजीरी, पकवान और माखन-मिश्री जरूर रखें.
- भगवन के श्रृंगार के लिए चन्दन का उपयोग करे.
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर खीरे को जरूर शामिल करें.
- ब्रह्मचर्य का पालन एक दिन पहले से करें
- भगवान श्रीकृष्ण को सफेद मिठाई, साबुदाने अथवा चावल की खीर का भोग लगाएं
- खीर में चीनी के बजाय मिश्री का प्रयोग करें और तुलसी दल ज़रूर डालें.