
श्रीरामचरित मानस गोस्वामी तुलसीदास रचित एक महाकाव्य है।
रामचरितमानस भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है। रामचरित मानस में निम्न सात अध्याय हैं –
१. बालकाण्ड २. अयोध्याकाण्ड ३. अरण्यकाण्ड ४. किष्किन्धाकाण्ड
५. सुन्दरकाण्ड ६.लंकाकाण्ड (युद्धकाण्ड) ७. उत्तरकाण्ड
वहीँ वाल्मीकीय रामायण संस्कृत साहित्य का एक आरम्भिक महाकाव्य है जो संस्कृत भाषा रचित है। अंतर सिर्फ इतना है की वाल्मीकि के राम मानव रूप में हैं और तुलसी के राम पराम् ईश्वर हैं.
महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति के इतिहास वर्ग में आता है। कभी कभी इसे केवल “भारत” कहा जाता है। इस काव्य का रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है। महाभारत पूरा रचने में ३ वर्ष लग गये थे महाभारत ग्रंथ की रचना पूर्ण करने के बाद वेदव्यास जी ने सर्वप्रथम अपने पुत्र शुकदेव को इस ग्रंथ का अध्ययन कराया ।
रामायण एवं महाभारत के चरित्रों से सीख लेकर मनुष्य अपने जीवन को सार्थक बना सकता है। बस अपने विवेक को और ईश्वर को साथ रखे.
हम आपको आज indianwomenlife.com पर रामायण और महाभारत की कथाओं में क्या क्या समानताएँ हैं बतलायेंगे –
कहा गया है की जब जब असुर और अधर्म धरती पर हद से ज्यादा बाद जायेगा तब तब ईश्वर धर्म की स्थापना के लिए जन्म लेंगे और जब जब जनम लेंगे उनकी कथाएं पुराण और महा ग्रंथों में लिखी जाएँगी. रामायण और महाभारत ऐसे हो दो गृंथ हैं जिनमे ईश्वर के अवतार, उनकी भक्ति और घ्यान से भरी पड़ी है.
प्रथम समानता-
रामायण और महाभारत की कथाओं में सबसे पहली समानता तो ये की ये दोनों ही ग्रंथ भगवान विष्णु के मनुष्य अवतार भगवान राम और श्रीकृष्ण की लीलाओं पर आधारित है।
दूसरी समानता है –
भगवान राम (lord ram) को 14 वर्ष के वनवास और पांडवो को 13 वर्ष के वनवास और 1 वर्ष के अज्ञातवास
रामायण में भगवन राम उनके भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता को 14 वर्ष के वनवास के लिए जाना पड़ा था। और वहीँ महाभारत में जुए के खेल से हार गए और सजा में मिला पांडवों को 13 वर्ष के वनवास और 1 वर्ष के अज्ञातवास का दंड झेलना पड़ा।
तीसरी समानता-
सीता और द्रौपदी में। रामायण में माता सीता और महाभारत में द्रौपदी, दोनों ने ही अपनी मां की कोख से जन्म नहीं लिया था। माता सीता जमीन के भीतर से प्रकट हुई थीं वहीँ द्रौपदी अग्नि से उत्पन्न मानी जाती है
चौथी समानता –
भगवान् राम और अर्जुन का विवाह करने का तरीका.
रामायण में सीता जी के स्वयंवर में भगवन राम ने शिव धनुष पर प्त्यंचा चढ़ाकर सीता जी से विवाह के लिए अपनी पत्नी बनाया था. और महाभारत में द्रौपदी स्वयंवर में अर्जुन ने बाण से मछली की आंख पर निशाना साध कर उनसे विवाह किया था।
पांचवी समानता –
रामायण में रावण माता सीता का हरण करता है और महाभारत में जयद्रथ द्रौपदी का हरण कर लेता है।
छटवी समानता –
रामायण में पवनपुत्र हनुमान मौजूद थे और महाभारत में भी अर्जुन के रथ पर हनुमान बैठे हुए थे.
इतनी समानता होते हुए भी रामायण एक भक्ति ग्रन्थ है और महाभारत भक्ति और ज्ञान से भरी पड़ी हुई है.