
तनाव (Stress) – मन की स्थिति में उठा एक विकार. अब ये विकार या तनाव उठता क्यों हैं. पहले ये समझने की कोशिश करते हैं.
जब मन की स्थति या सोच जीवन की परिस्थति से अलग हो या दोनों में असंतुलन, कोई भी मेल न हो. तब मन में एक खिचाव या उलझन पैदा होती है, इसको तनाव (Stress) कहते हैं.
आज के व्यस्त जीवन में हर कोई तनावग्रस्त है. कोई आर्थिक परेशानी में है तो कोई पारिवारिक. किसी न किसी कारण से व्यक्ति तनाव में हैं. अपनी इस बढ़ती तनावग्रस्त स्थिति के कारण वो अपनी और परिवार के परेशानी का कारण बन जाता है. व्यक्ति को सरल जीवन जीने के लिए तनाव से निकलना जरुरी होता है. तनाव ग्रस्त व्यक्ति का मन नकारात्मक सोच की तरफ ज्यादा बढ़ने लगता है. मन में बैचेनी और घवराहट होने लगती है. जिस कारण व्यक्ति सही जीवन में कोई भी सही निर्णय नहीं ले पाता.
आखिर क्यों कुछ लोग कभी भी तनाव में नहीं रहते ?
अब बात करते हैं की स्थिति तो सभी के साथ एक जैसे होती है. परन्तु फिर भी कुछ लोग बिना किसी तनाव के जीवन को बड़ी आसानी और सरलता से जी लेते हैं. तुसलीदास, सूरदास, सुकरात जैसे कई लोग तनावग्रस्त स्थिति से ही महान बने. इन सब लोगों ने अपनी स्थिति का सही प्रबंधन करके सकारात्मक सोच को अपनी ढाल बनाके जीवन को बड़ी आसानी से जिया.
महिलायें तनाव से कैसे निकले
- नियमित Exercise और ध्यान करें.
- प्रतिदिन ईश्वर को thanks बोलें.
- अपने विचारों में खुलापन रखें.
- पुरे दिन को सही ढंग से व्यवस्थित रखें.
- हमेशा सकारात्मक सोच (Positive Thinking) को बनाये रखें.
- जीवन में सही और सात्विक कर्म ही करें.
- अपने साथ-साथ ईश्वर पर पूर्ण विश्वास रखें.
- अपने आपको व्यस्त (Busy) रखें
- एक साथ एक समय में कई काम न करें.
- दूसरों से ज्यादा अपेक्षा न रखे.
- दिनचर्या को सरल रखें.
- काम करते समय बीच-बीच में थोड़ा आराम करें.